देवास जिला – इतिहास, संस्कृति और विशेषताएँ
परिचय
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हृदय में बसा देवास जिला (Dewas District) अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला मालवा क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा है और इंदौर के उत्तर में स्थित है।
देवास का नाम “देव” और “वास” — अर्थात् देवताओं का निवास स्थान — से मिलकर बना है। यह स्थान प्राचीन काल से ही आध्यात्मिकता, व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा है।
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देवास का इतिहास
देवास का इतिहास (History of Dewas) बहुत समृद्ध और गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र मालवा राज्य का हिस्सा था, जहाँ अनेक राजवंशों ने शासन किया। यहाँ के शिलालेखों और मंदिरों से पता चलता है कि यह क्षेत्र पौराणिक काल से ही बसाहट वाला रहा है। मध्यकाल में देवास पर मराठा सरदारों का शासन रहा |
18वीं सदी में यहाँ दो राजघराने प्रसिद्ध हुए —
देवास सीनियर (उत्तरी हिस्सा) और देवास जूनियर (दक्षिणी हिस्सा)।
दोनों मराठा शासक भाई थे, और उनकी रियासतें अलग-अलग प्रशासनिक इकाइयों में बँटी हुई थीं। यह विभाजन आज भी “सीनियर” और “जूनियर” देवास के रूप में याद किया जाता है।
ब्रिटिश काल में देवास एक महत्वपूर्ण राज्य रियासत बन गया था। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद यह जिला मध्य भारत राज्य में शामिल हुआ, और बाद में मध्य प्रदेश का हिस्सा बना।
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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
देवास का नाम सुनते ही सबसे पहले याद आता है — माँ चामुंडा और तुलजा भवानी का मंदिर, जो देवास की टेकरी पहाड़ी पर स्थित है।
यहाँ भक्त बड़ी श्रद्धा से आते हैं। टेकरी से पूरा शहर दिखाई देता है, और नवरात्रि के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं।
इसके अलावा, यहाँ कैलाश पर्वत मंदिर, महादेव मंदिर, और कई जैन तीर्थ स्थल भी हैं। धार्मिक दृष्टि से देवास एक बहुत पवित्र स्थल माना जाता है।
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उद्योग और अर्थव्यवस्था
देवास को “औद्योगिक शहर” भी कहा जाता है। यहाँ अनेक बड़े उद्योग हैं, जैसे:
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नेशनल सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस (NSPP) — जहाँ भारत की मुद्रा और पासपोर्ट छपते हैं।
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टाटा इंटरनेशनल, किरण इंडस्ट्रीज, और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स — जो शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
देवास (Dewas) में एक बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Area) भी है, जहाँ सैकड़ों छोटे-बड़े कारखाने काम कर रहे हैं। कृषि में यहाँ गेहूँ, सोयाबीन, चना, और मक्का प्रमुख फसलें हैं।
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भौगोलिक स्थिति और परिवहन
देवास जिला मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह इंदौर, उज्जैन, शाजापुर और सीहोर जिलों से घिरा हुआ है।
यहाँ से राष्ट्रीय राजमार्ग 52 और 3 गुजरते हैं, जिससे यह शहर मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
देवास का रेलवे स्टेशन इंदौर–भोपाल लाइन पर स्थित है। इसके अलावा, इंदौर एयरपोर्ट यहाँ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है।
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शिक्षा और संस्थान
देवास में शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से विकास हुआ है। यहाँ कई प्रसिद्ध स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थान हैं, जैसे —
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गवर्नमेंट पीजी कॉलेज
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आईटीआई देवास
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इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज
इसके अलावा कई कोचिंग संस्थान युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं।
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संस्कृति और लोकजीवन
देवास का लोकजीवन मालवी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहाँ के लोग बेहद मिलनसार और मेहनती हैं। त्योहारों में विशेष रूप से नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, होली, दीपावली और हरियाली अमावस्या बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं।
यहाँ का पारंपरिक पहनावा, लोकसंगीत और नृत्य आज भी ग्रामीण इलाकों में जीवित हैं। देवास की मालवी बोली मधुर और सरल है।
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पर्यटन स्थल
देवास में घूमने के लिए कई प्रसिद्ध स्थान हैं:
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माँ चामुंडा टेकरी मंदिर
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कैलाश पर्वत मंदिर
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गोमती सागर तालाब
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पुंजा मंदिर
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कुकड़ी खदान और पहाड़ियाँ
इन जगहों की सुंदरता और धार्मिक वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
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वर्तमान में देवास
आज देवास जिला मध्य प्रदेश के तेजी से विकसित होने वाले जिलों में से एक है। यहाँ का संतुलित मिश्रण — धर्म, उद्योग और संस्कृति — इसे खास बनाता है। सरकार की औद्योगिक नीतियों और नई सड़कों के कारण यह जिला आने वाले वर्षों में और भी प्रगति करेगा।
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निष्कर्ष
देवास (Dewas) एक ऐसा जिला है जहाँ इतिहास और आधुनिकता दोनों का सुंदर संगम देखने को मिलता है।
यहाँ की टेकरी माता, यहाँ के उद्योग, और यहाँ की मालवी संस्कृति — तीनों मिलकर देवास को एक अनोखी पहचान देते हैं। मध्य प्रदेश के मानचित्र में देवास का स्थान हमेशा गौरवपूर्ण रहेगा।







