दक्षिण भारत का रत्न: रामेश्वरम (The Jewel of South India: Rameshwaram)
दक्षिण भारत (South India) के तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य में स्थित रामेश्वरम (Rameshwaram), भगवान शिव (Lord Shiva) के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. रामेश्वरम मंदिर अपनी भव्यता और प्राचीन कहानियों (Ancient Stories) के लिए जाना जाता है. आइए, इस ब्लॉग पोस्ट में हम रामेश्वरम मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाओं की रोमांचक यात्रा पर निकलें:
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रामायण काल:
- रामायण के अनुसार, लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाने की इच्छा हुई.
- उन्होंने वानर सेना के सेनापति हनुमान को उत्तर दिशा में जाकर शिवलिंग लाने का आदेश दिया.
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शिवलिंग की स्थापना:
- समय पर वापस न आने पर, सीता माता ने स्वयं रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा आरंभ कर दी.
- बाद में हनुमान जी के लाए शिवलिंग को भी स्थापित किया गया. ये दोनों ही शिवलिंग आज भी रामेश्वरम मंदिर में विराजमान हैं.
- रामायण काल – लगभग 5000 ईसा पूर्व माना जाता है.
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अन्य कथाएं:
- रामेश्वरम से जुड़ी एक अन्य कथा में माता पार्वती को शामिल किया गया है.
- माना जाता है कि भगवान राम ने रामेश्वरम में ही शिवलिंग की स्थापना करवाकर माता पार्वती को प्रसन्न किया था.
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तीर्थ स्थल के रूप में महत्व:
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, रामेश्वरम में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इसी वजह से रामेश्वरम हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है.
आज भी रामेश्वरम मंदिर भक्तों को अपनी ओर खींचता है. हर साल हजारों श्रद्धालु रामेश्वरम आकर पवित्र स्नान करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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