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माही नदी: मालवा की रानी से राजस्थान की जीवनधारा तक

माही नदी (Mahi River): मालवा की रानी से राजस्थान की जीवनधारा तक

मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के मालवा पठार से निकलकर गुजरात(Gujrat) में खंभात की खाड़ी में मिलने वाली माही नदी(Mahi River), अपने 589 किलोमीटर के सफर में प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और जीवनदायिनी शक्ति का संगम समेटे हुए बहती है। राजस्थान की सीमा से होकर गुजरते हुए, यह राज्य के डूंगरपुर(Dungarpur) और बांसवाड़ा(Banswara) जिलों को सींचती है। आइए, आज हम माही नदी के सफर पर चलें और उसके उद्गम, उसकी राह, प्रमुख बाँधों और महत्वपूर्ण बिंदुओं को करीब से जानें।

उद्गम और प्रवाह:

मध्य प्रदेश के विंध्याचल पर्वतमाला की गोद में, मालवा पठार के पचमढ़ी क्षेत्र में माही नदी का उद्गम होता है | समुद्र तल से 618 मीटर की ऊँचाई से निकलकर, यह नदी दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है | मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात राज्यों से होकर गुजरने के बाद, यह अंततः खंभात की खाड़ी में विलीन हो जाती है। अपने मार्ग में, यह कई सहायक नदियों जैसे आनंदवेल, ककनार, वाघर और सोम को अपने में समेट लेती है |

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राजस्थान में प्रवेश:

राजस्थान में प्रवेश करते ही, माही नदी डूंगरपुर जिले से होकर बहती है | इस क्षेत्र में कई खूबसूरत पहाड़ियाँ और घने वन हैं, जो इस नदी के प्राकृतिक आकर्षण को और बढ़ाते हैं | बांसवाड़ा जिले में प्रवेश करने के बाद, माही नदी कांचनपुर बाँध से होकर गुजरती है, जो सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है | आगे बढ़ते हुए, यह डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों की सीमा बनाती हुई गुजरात में चली जाती है |

माही नदी के प्रमुख बाँध:

    1. माही बजाज सागर बाँध (Mahi Bajaj Sagar Dam): यह राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में बना सबसे लंबा और दूसरा सबसे बड़ा बाँध है। इसका निर्माण जलविद्युत उत्पादन और जल प्रबंधन के लिए किया गया था।
    2. कदाना बाँध (Kadana Dam): गुजरात के महीसागर जिले में स्थित यह बहुउद्देशीय बाँध सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण का कार्य करता है।
    3. वानाकबोरी बांध (Wanakbori Dam): यह बांध गुजरात में ही स्थित एक छोटा बाँध है, जिसे वानाकबोरी थर्मल पावर स्टेशन के लिए पानी का उपयोग करने के लिए बनाया गया था।

    अन्य बाँध:

    • अंबाणा बांध (Ambana Dam)
    • आणा सागर बांध (Ana Sagar Dam)
    • सोम कमला अंबाणा बाँध (Som Kamala Ambana Dam)

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • माही नदी के किनारे कई आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जिनकी संस्कृति और परंपराएँ इस नदी से गहराई से जुड़ी हुई हैं |
  • नदी घाटी विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों का आवास है, जिनमें बाघ, तेंदुआ, हिरण और मगरमच्छ शामिल हैं |
  • माही नदी पर कई धार्मिक स्थल स्थित हैं, जैसे कि सोमनाथ महादेव मंदिर और अंबा माता मंदिर |
  • नदी में राफ्टिंग, कयाकिंग और कैनोइंग जैसी जल क्रीड़ाओं का आनंद उठाया जा सकता है |

चुनौतियाँ और संरक्षण:

माही नदी प्रदूषण, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है | नदी के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि नदी सफाई, वनस्पति कवरेज बढ़ाना और सतत कृषि को बढ़ावा देना |

अगली बार जब आप राजस्थान या मध्य प्रदेश की यात्रा करें, तो माही नदी के किनारे ज़रूर घूमें और उसके महत्व को समझें | यह नदी केवल प्राकृतिक सौंदर्य का ही धरोहर नहीं है, बल्कि आदिवासी संस्कृति, जीव-जंतुओं के आवास और आजीविका का भी सहारा है। आइए, इसे बचाने और संवारने का संकल्प लें |

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