जयसमंद झील: राजस्थान का मनमोहक सरोवर (Jaisamand Lake: Rajasthan’s Enchanting Reservoir)
राजस्थान की खूबसूरती में चार चांद लगाती है एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित मीठे पानी की झील, जयसमंद झील। इसे ढेबर झील के नाम से भी जाना जाता है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जयसमंद झील (Jaisamand Lake) की भव्यता और पर्यटन की दृष्टि से इसकी खासियतों को explore करें:
-
इतिहास: 17वीं सदी में मेवाड़ के महाराणा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाई गई यह झील अपने इतिहास की गवाह है। माना जाता है कि अकाल से निपटने और सिंचाई के लिए जल स्रोत के रूप में इस झील का निर्माण करवाया गया था।
-
भौगोलिक स्थिति: राजस्थान के उदयपुर जिले से लगभग 51 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित जयसमंद झील अरावली पर्वतमाला की तलहटी में विराजमान है। इसकी खूबसूरती को चार गुना बढ़ाते हैं इसके बीचोंबीच मौजूद तीन टापू।
राजसमंद झील: मेवाड़ का रत्न (Rajsamand Lake: Pearl of Mewar)
-
महत्व: जयसमंद झील का सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक, तीनों तरह का महत्व है। यह झील सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत होने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देती है। इसके आसपास कई मंदिर स्थित हैं, जिनमें से नौचौकी मंदिर प्रसिद्ध है। साथ ही, जयसमंद वन्य जीव अभयारण्य भी इसी क्षेत्र में स्थित है।
-
पर्यटन स्थल: जयसमंद झील पर्यटकों को अपनी ओर खींचने का दम रखती है। पर्यटक यहां नौका विहार करके झील के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, झील के किनारे घूमना, आसपास के किलों को देखना और जयसमंद वन्य जीव अभयारण्य में घूमना पर्यटकों को रोमांचित कर देता है।
-
उदयपुर से दूरी और घूमने का समय: जयसमंद झील, उदयपुर शहर से लगभग 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप कार से यात्रा करके लगभग 1 घंटे 15 मिनट में वहां पहुंच सकते हैं। घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का होता है, जब झील लबालब भरी होती है और आसपास का वातावरण हरा-भरा रहता है।
तो अगली बार राजस्थान घूमने का प्लान बनाएं, तो जयसमंद झील जरूर जाइएगा और अपने सफर को यादगार बनाइए!