मौर्य साम्राज्य: भारत का स्वर्णिम काल (Maurya Empire : The Golden Age of India)
मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire) भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह साम्राज्य न केवल अपने व्यापक विस्तार के लिए बल्कि अपने प्रभावशाली शासकों और प्रशासनिक नीतियों के लिए भी जाना जाता है। आइए, मौर्य साम्राज्य के इस अद्भुत सफर पर एक नजर डालते हैं।
मौर्य साम्राज्य की स्थापना (321 ई.पू.)
चन्द्रगुप्त मौर्य (Chandragupt Maurya ) ने 321 ई.पू. में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। मगध के नंद वंश को पराजित कर उन्होंने अपने साम्राज्य की नींव रखी। उनके प्रमुख सलाहकार चाणक्य (Chanakya) (कौटिल्य) थे, जिन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की।
बिन्दुसार (297-273 ई.पू.)
चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद उनके पुत्र बिन्दुसार (Bindusar) ने साम्राज्य की बागडोर संभाली। बिन्दुसार ने साम्राज्य को विस्तार दिया और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को भी अपने अधीन किया।
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अशोक महान (273-232 ई.पू.)
बिन्दुसार के बाद उनके पुत्र अशोक (Ashok) ने 273 ई.पू. में सत्ता संभाली। अशोक महान ने अपने शासनकाल में कलिंग युद्ध (260 ई.पू.) लड़ा, जो बहुत ही रक्तरंजित युद्ध था। इस युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और धम्म (धर्म) का प्रचार-प्रसार किया। अशोक ने अनेक शिलालेखों और स्तंभों के माध्यम से अपनी नीतियों और आदेशों का प्रचार किया।
मौर्य साम्राज्य का पतन (185 ई.पू.)
अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। उनके उत्तराधिकारी उतने सक्षम नहीं थे और अंततः 185 ई.पू. में अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ की हत्या उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने कर दी, जिससे मौर्य साम्राज्य का अंत हो गया।
मौर्य साम्राज्य का महत्व
- प्रशासनिक व्यवस्था: मौर्य साम्राज्य में केंद्रीयकृत प्रशासन और दक्ष नौकरशाही थी।
- आर्थिक विकास: कृषि, व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिला।
- धार्मिक सहिष्णुता: अशोक के काल में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ।
- सांस्कृतिक विरासत: अशोक के शिलालेख और स्तंभ आज भी भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं।
समय-रेखा
वर्ष (ई.पू.) | घटना |
---|---|
321 | चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा मौर्य साम्राज्य की स्थापना |
297 | बिन्दुसार का शासनकाल आरंभ |
273 | अशोक का सत्ता संभालना |
260 | कलिंग युद्ध |
232 | अशोक की मृत्यु |
185 | मौर्य साम्राज्य का पतन |
निष्कर्ष
मौर्य साम्राज्य ने भारतीय इतिहास को एक नया आयाम दिया। उसकी प्रशासनिक कुशलता, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत आज भी हमें प्रेरित करती है। अशोक महान का धम्म का संदेश और शांति का सिद्धांत दुनिया भर में प्रसिद्ध है। मौर्य साम्राज्य वास्तव में भारत के इतिहास का स्वर्णिम काल है।
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