राजसमंद झील: मेवाड़ का रत्न (Rajsamand Lake: Pearl of Mewar)
राजस्थान (Rajasthan) अपनी खूबसूरत झीलों (Beautiful Lakes) के लिए जाना जाता है, उन्हीं में से एक है राजसमंद झील (Rajsamand Lake)। यह झील अपने इतिहास, भव्यता और पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है। आइए इस ब्लॉग के जरिए राजसमंद झील के बारे में कुछ रोचक बातें जानें:
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इतिहास (History): राजसमंद झील का निर्माण 17वीं सदी में मेवाड़ के महाराणा राज सिंह द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है कि इस झील के निर्माण में 40 लाख रुपये खर्च हुए थे। उस समय इसका उद्देश्य सूखा पड़ने से बचाना और सिंचाई के लिए पानी का स्रोत बनाना था।
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भौगोलिक स्थिति (Geographical Location): राजसमंद झील राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। यह झील गोमती, बेणेश्वर और ताली नदियों को मिलाकर बनाई गई है। इसकी लम्बाई लगभग 6.4 किलोमीटर और चौड़ाई 2.8 किलोमीटर है।
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महत्व (Importance): राजसमंद झील का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। झील के किनारे कई मंदिर स्थित हैं, जिनमें से नौचौकी सबसे प्रसिद्ध है। इसके अलावा, झील का पानी आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
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पर्यटन स्थल (Tourist Place): राजसमंद झील राजस्थान के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। पर्यटक यहां नौका विहार का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, झील के किनारे घूमना और आसपास के किलों को देखना भी पर्यटकों को काफी पसंद आता है।
- उदयपुर से दूरी (Distance from Udaipur): राजसमंद झील, उदयपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप कार से यात्रा कर रहे हैं, तो आपको वहां पहुंचने में लगभग 1 घंटा 30 मिनट का समय लगेगा।
इस ब्लॉग के जरिए हमने राजसमंद झील के इतिहास, भौगोलिक स्थिति और महत्व को जाना। अगली बार राजस्थान घूमने का प्लान बनाएं, तो राजसमंद झील को जरूर अपने घूमने की लिस्ट में शामिल करें!
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