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Gandhi Sagar Dam
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The Pride of Madhya Pradesh: Gandhi Sagar Dam

मध्य प्रदेश की शान: गांधी सागर बांध (The Pride of Madhya Pradesh: Gandhi Sagar Dam)

मध्य प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है. उन्हीं में से एक है मशहूर गांधी सागर बांध (Gandhi Sagar Dam), जो ना सिर्फ सिंचाई और बिजली उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचता है. चलिए आज इस भव्य बांध के बारे में रोचक जानकारी हासिल करते हैं.

चंबल नदी का गौरव: गांधी सागर बांध

गांधी सागर बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है. ये बांध चंबल नदी पर बनाया गया है और भारत के चार प्रमुख बांधों में से एक माना जाता है. इसका निर्माण कार्य 1954 में शुरू हुआ था और 1960 में पूरा हुआ था. इस बांध का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में रखा गया था.

सिंचाई और बिजली का अहम स्त्रोत

गांधी सागर बांध का निर्माण सिंचाई और बिजली उत्पादन के उद्देश्य से किया गया था. ये बांध लगभग 4.45 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचित करता है, जो मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है. साथ ही, बांध से जुड़े पावर स्टेशन से बिजली का उत्पादन भी किया जाता है, जो पूरे इलाके को रोशन करता है.

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पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

गांधी सागर बांध ना सिर्फ अपने इंजीनियरिंग के कमाल के लिए जाना जाता है, बल्कि ये पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. बरसात के दिनों में जब बांध के गेट खोले जाते हैं, तो ये नज़ारा देखने लायक होता है. इसके अलावा, बांध के आसपास का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को मनमोह लेता है.

गांधी सागर बांध तक कैसे पहुंचे?

मंदसौर शहर से गांधी सागर बांध करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित है. आप अपने वाहन से या फिर टैक्सी किराए पर लेकर बांध तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

तो अगर आप कभी मध्य प्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो मंदसौर ज़रूर जाएं और गांधी सागर बांध के भव्य दृश्य का आनंद लें. ये इंजीनियरिंग का कमाल और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम आपको मंत्रमुग्ध कर देगा.

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