बाबा बैद्यनाथ धाम: भोलेनाथ के दर्शन के लिए एक पवित्र यात्रा (Baba Baidyanath Dham: A sacred journey to visit Bholenath)
हिमालय की तलहटी में बसा झारखंड (Jharkhand) का देवघर (Deoghar) शहर, भगवान शिव (Lord Shiva) के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Baidyanath Dham), बारह ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirling) में से नौवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है. मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोवांछित फल मिलते हैं.
मंदिर की खासियत:
- इस मंदिर को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि यहां शिव और शक्ति दोनों एक साथ विराजमान हैं.
- मंदिर के गर्भगृह में स्थित ज्योतिर्लिंग चांदी के आवरण से ढका हुआ है. कहा जाता है कि असली शिवलिंग नीचे छिपा हुआ है.
- इस धाम को “कामना लिंग” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.
यात्रा का अनुभव:
देवघर की यात्रा अपने आप में आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराती है. मंदिर जाने से पहले आपको पवित्र सोनभद्र नदी में स्नान करना चाहिए. मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगती है, लेकिन शिव के दर्शन के लिए ये इंतज़ार सुखद ही लगता है.
कहा जाता है कि रावण ने भगवान शिव की तपस्या की और उनसे वरदान में यह ज्योतिर्लिंग मांगा। शिवजी ने रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान दे दिया, लेकिन एक शर्त रखी। शर्त यह थी कि रावण ज्योतिर्लिंग को जमीन पर नहीं रख सकता था।
रावण ज्योतिर्लिंग को लेकर लंका की ओर चल पड़ा। रास्ते में, उसे थकान महसूस हुई और उसने ज्योतिर्लिंग को थोड़ी देर के लिए जमीन पर रख दिया। जैसे ही ज्योतिर्लिंग जमीन पर रखा गया, वह वहीं स्थापित हो गया और रावण उसे उठा नहीं पाया।
रावण ने बहुत प्रयास किया, लेकिन ज्योतिर्लिंग नहीं उठा। अंत में, हार मानकर रावण को लंका वापस जाना पड़ा।
मजेदार तथ्य (Fun Facts):
- देवघर को “बाबाधाम” के नाम से भी जाना जाता है.
- यहाँ मंदिर के पास ही वैद्यनाथ धाम का रेलवे स्टेशन है, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाता है.
तो देर किस बात की, आप भी बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा की योजना बनाएं और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें!
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