घृष्णेश्वर मंदिर: दक्षिणामूर्ति शिव का अनूठा दर्शन (Ghrishneshwar Temple: Unique Darshan of Dakshinamurthy Shiva)
भारत में भगवान शिव के अनगिनत मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग महत्व है। उन्हीं में से एक है महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) जिले में स्थित घृष्णेश्वर मंदिर (Ghrishneshwar Temple)। यह मंदिर भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप को समर्पित है, जो कि काफी अनूठा माना जाता है। आइए, इस ब्लॉग के माध्यम से घृष्णेश्वर मंदिर की यात्रा करें और इसके रहस्य को जानें:
मंदिर की विशेषताएं:
- दक्षिणामूर्ति शिव: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। दक्षिणामूर्ति का अर्थ है “दक्षिण की ओर मुख वाला”। इस रूप में भगवान शिव ज्ञान और कला के देवता के रूप में विराजमान हैं।
- शैलीय वास्तुकला: यह मंदिर खूबसूरत शैलीय वास्तुकला का एक उदाहरण है। मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है और इसकी छत पर नक्काशीदार मेहराब हैं।
- पौराणिक महत्व: मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण और ब्रह्मांड पुराण सहित कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
- पवित्र कुंड: मंदिर परिसर में स्थित कुंड को “कुशेश्वर” के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं।
पौराणिक कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती कैलाश पर्वत से नाराज होकर धरती पर चली गईं। भगवान शिव उन्हें वापस लाने के लिए निकले। घृष्णेश्वर मंदिर उसी स्थान पर स्थित है, जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को मनाने के लिए दक्षिणामूर्ति का रूप धारण किया था।
रोचक तथ्य:
- घृष्णेश्वर मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
- मंदिर के पास ही एलोरा की प्रसिद्ध (गुफाएं) स्थित हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा में शामिल कर सकते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि घृष्णेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद ही वैजनाथ मंदिर (झारखंड) के दर्शन पूरे माने जाते हैं।
आपकी यात्रा के लिए:
- घृष्णेश्वर मंदिर सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
- मंदिर में आरती का आयोजन सुबह और शाम को किया जाता है।
- औरंगाबाद निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है। वहां से आप सड़क मार्ग से घृष्णेश्वर पहुंच सकते हैं।
घृष्णेश्वर मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ इसकी कलात्मक सुंदरता भी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। तो देर किस बात की, आप भी इस अनूठे मंदिर की यात्रा की योजना बनाएं!
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