अलवर का इतिहास (History of Alwar)
राजस्थान(Rajasthan), अपने शानदार किलों(Forts) और समृद्ध इतिहास(History) के लिए जाना जाता है, उसी में एक रत्न है – अलवर(Alwar)। यह खूबसूरत शहर अरावली पर्वतमाला(Aravali Mountain Range) की तलहटी में बसा है और अपने गौरवशाली इतिहास, कलात्मक विरासत और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। तो आइए, अलवर के इतिहास की यात्रा पर चलते हैं:
प्राचीन काल से मध्यकाल तक:
- माना जाता है कि अलवर का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। किंवदंतियों के अनुसार, राजा विराट, जिनके पास पाण्डवों ने अज्ञातवास में रहते हुए शरण ली थी, ने इस क्षेत्र में मत्स्यपुरी नामक नगर बसाया था।
- बाद में, इस क्षेत्र पर कई राजवंशों का शासन रहा, जिनमें गुप्त, प्रतिहार और चौहान वंश शामिल हैं।
मेव शासन और किले का निर्माण:
- 14वीं शताब्दी में, मेव समुदाय के राजपूत सरदार, अलावल खान ने इस क्षेत्र पर अपना शासन स्थापित किया। उन्होंने अलवर शहर की स्थापना की और 15वीं शताब्दी में प्रसिद्ध अलवर किले का निर्माण करवाया।
- अलवर किला मेवाती शैली में निर्मित है और इसे राजस्थान के सबसे मजबूत किलों में से एक माना जाता है।
16वीं से 18वीं शताब्दी तक:
- 16वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के उदय के साथ, अलवर मुगलों के अधीन आ गया। हालांकि, बाद में, मुगल साम्राज्य के कमजोर होने के साथ ही, कछवाहा राजपूतों की एक शाखा, हाड़ा कछवाहों ने 1770 के दशक में अलवर रियासत की स्थापना की।
हाड़ा कछवाहा शासन:
- हाड़ा कछवाहा राजपूतों का शासन अलवर के इतिहास में एक स्वर्णिम युग माना जाता है। राजा मान सिंह (Maan Singh) और उनके वंशजों ने कला, संस्कृति और शिक्षा को बढ़ावा दिया और कई शानदार महलों, मंदिरों और सार्वजनिक भवनों का निर्माण करवाया।
- इसी दौरान, अलवर की प्रसिद्ध लघु चित्रकला शैली का भी विकास हुआ।
स्वतंत्रता के बाद:
- भारत की स्वतंत्रता के बाद, अलवर रियासत का विलय भारत में हो गया और यह राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया। आज, अलवर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।
अलवर के इतिहास की झलक पाने के लिए कुछ अद्भुत स्थान:
- अलवर किला (Alwar Fort): राजस्थानी वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण, यह किला इतिहास प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
- सिटी पैलेस (City Palace): हाड़ा कछवाहा राजवंश का शाही निवास, यह महल अपनी शानदार वास्तुकला और संग्रहालय के लिए जाना जाता है।
- मोती डूंगरी (Moti Dungri): अरावली की तलहटी में स्थित यह खूबसूरत गार्डन परिसर, मनोरम दृश्यों और शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लेने के लिए एक आदर्श स्थान है।
- सरकारी संग्रहालय (Government Museam): इस संग्रहालय में अलवर के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियां और वस्तुएं प्रदर्शित हैं।
अलवर का इतिहास विभिन्न राजवंशों के शासनकाल, युद्धों और सांस्कृतिक विकास की कहानी कहता है। यह शहर अपने अतीत को संजोता है और आगंतुकों को इतिहास, कला और संस्कृति का एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।
Image source : Wikipedia
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