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कोटा: राजपूत वीरता और संस्कृति का गौरवशाली इतिहास

कोटा: राजपूत वीरता और संस्कृति का गौरवशाली इतिहास (Kota: Glorious History of Rajput Valor and Culture)

राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में स्थित कोटा(Kota), अपने समृद्ध इतिहास (History), वीरतापूर्ण परंपराओं और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। 12वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व से, जब हाड़ा सरदार राव देवा ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और बूंदी और हाड़ौती की स्थापना की, तब से कोटा राजपूत वीरता और संस्कृति का प्रतीक रहा है।

प्राचीन इतिहास और स्थापना

प्राचीन काल से, कोटा क्षेत्र मानव बस्ती का केंद्र रहा है। प्रागैतिहासिक गुफाएं, पेंटिंग्स और प्राचीन अवशेष इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत का प्रमाण देते हैं। 12वीं शताब्दी में, राव देवा ने बूंदी और हाड़ौती की स्थापना की, जिसमें कोटा भी शामिल था। बाद में, 17वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट जहाँगीर के शासनकाल के दौरान, बूंदी के शासक राव रतन सिंह ने कोटा की छोटी रियासत अपने बेटे माधो सिंह को दे दी।

स्वतंत्र राज्य का उदय

1631 में, कोटा एक स्वतंत्र राज्य बन गया जब राव माधो सिंह को मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा शासक बनाया गया था। राव माधो सिंह ने अपनी कुशल नेतृत्व और रणनीति के बल पर कोटा को एक शक्तिशाली राज्य में बदल दिया।

बूंदी रियासत का इतिहास

महाराव भीम सिंह का शासनकाल

महाराव भीम सिंह कोटा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण शासक थे। उन्होंने मुगलों के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए और कोटा की शक्ति और प्रतिष्ठा को बढ़ाया। उनके शासनकाल में, कला, संस्कृति और शिक्षा को भी बढ़ावा मिला।

बूंदी चित्रशैली का विकास

कोटा बूंदी चित्रशैली के विकास के लिए भी प्रसिद्ध है। यह चित्रकला शैली अपनी जीवंतता, रंगों का प्रयोग और भावपूर्ण चित्रण के लिए जानी जाती है।

आधुनिक कोटा

आज, कोटा एक विकसित शहर है जो शिक्षा, उद्योग और पर्यटन के लिए जाना जाता है। यह शहर कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों का घर है, जिसके कारण इसे “कोटा, शिक्षा नगरी” के नाम से भी जाना जाता है।

निष्कर्ष

कोटा का इतिहास वीरता, कला और संस्कृति का एक अनूठा संगम है। यह शहर अपनी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति के कारण पर्यटकों के लिए एक आकर्षक जगह है। यदि आप राजस्थान की यात्रा कर रहे हैं, तो कोटा को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें।

अतिरिक्त जानकारी:

  • कोटा का किला: यह किला 17वीं शताब्दी में महाराव भोज सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह किला अपनी भव्य वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
  • जगमंदिर महल: यह महल 18वीं शताब्दी में महाराव जगत सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह महल अपनी सुंदरता और शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
  • बूंदी चित्रशैली: यह चित्रकला शैली अपनी जीवंतता, रंगों का प्रयोग और भावपूर्ण चित्रण के लिए जानी जाती है।
  • कोटा, शिक्षा नगरी: कोटा कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों का घर है, जिसके कारण इसे “कोटा, शिक्षा नगरी” के नाम से भी जाना जाता है।

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