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Stupa of Sanchi
Bhopal History Madhya Pradesh

सांची का स्तूप: इतिहास और महत्त्व

सांची का स्तूप : इतिहास और महत्त्व (Stupa of Sanchi : History and Importance)

भारत का इतिहास और संस्कृति अनगिनत धरोहरों से भरा पड़ा है, और उनमें से एक प्रमुख धरोहर है सांची का स्तूप (Stupa of Sanchi)। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची का स्तूप भारतीय बौद्ध वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आइए, सांची के स्तूप के इतिहास और इसके महत्व के बारे में जानते हैं।

सांची का स्तूप: एक परिचय

सांची का स्तूप, जिसे ‘महास्तूप’ भी कहा जाता है, तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था। यह स्तूप बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की अवशेषों को समर्पित है और इसे उनकी शिक्षा और जीवन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

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निर्माण और वास्तुकला

सांची के स्तूप की वास्तुकला बेहद आकर्षक और विशिष्ट है। इसे एक बड़े अर्धगोलाकार गुंबद के रूप में बनाया गया है, जिसके चारों ओर पत्थर की रेलिंग है। गुंबद के ऊपर एक चबूतरा (हरमिका) है, जो पवित्रता का प्रतीक है, और उसके ऊपर एक छत्र है, जो सम्मान और उच्चता का प्रतीक माना जाता है।

इतिहास और महत्व

सम्राट अशोक, जिन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और उसका प्रचार-प्रसार किया, ने सांची के स्तूप का निर्माण कराया। अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म ने भारत में और अन्य देशों में भी बहुत विस्तार किया। सांची का स्तूप बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गया।

बाद में, शुंग वंश के काल में स्तूप का विस्तार किया गया और इसके चारों ओर सुंदर तोरण (गेटवे) बनाए गए। इन तोरणों पर बुद्ध के जीवन और जातक कथाओं से संबंधित सुंदर मूर्तिकला उकेरी गई है, जो अद्भुत कला कौशल को दर्शाती हैं।

पर्यटन और आकर्षण

आज, सांची का स्तूप एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। हर साल हजारों पर्यटक और बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां आते हैं। सांची का स्तूप यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।

सांची में अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं, जैसे कि अशोक स्तंभ, बौद्ध मठ और कई छोटे स्तूप। ये सभी स्थल सांची के समृद्ध इतिहास और बौद्ध धर्म की गहरी जड़ों को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

सांची का स्तूप न केवल भारत की बौद्ध धरोहर का एक प्रमुख प्रतीक है, बल्कि यह मानवता के लिए शांति और अहिंसा का संदेश भी देता है। इसकी अद्भुत वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्ता इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं।

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