उज्जैन का इतिहास: हज़ारों साल पुराना गौरवशाली सफर (History of Ujjain: A Glorious Journey Spanning Thousands of Years)
उज्जैन (Ujjain), मध्य प्रदेश का एक प्राचीन शहर है, जिसे हमेशा से ही इसकी समृद्ध इतिहास (History) और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। पुराणों में वर्णित कई नामों से विख्यात, उज्जैन को “अवंतिका”, “उज्जयिनी” और “सिंहस्थ की नगरी” जैसे नामों से भी जाना जाता है। आइए, हम पलटते हैं उज्जैन के इतिहास के पन्नों को और जानते हैं इस खास शहर के गौरवशाली अतीत के बारे में।
समय के धार से शुरू हुआ सफर (A Journey Beginning at the Edge of Time)
- माना जाता है कि उज्जैन की स्थापना 5000 साल से भी पहले हुई थी।
- प्राचीन काल में, उज्जैन अवंति साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था।
- महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और उनके पोते अशोक महान इसी शहर से जुड़े थे।
- ज्योतिष विद्या के क्षेत्र में भी उज्जैन का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। यहां पर ही विक्रम संवत की शुरुआत हुई थी।
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मध्यकाल में भी बनी रही चमक (Medieval Era’s Enduring Shine)
- मध्यकाल में उज्जैन पर कई राजवंशों का शासन रहा, जिनमें परमार, गुर्जर प्रतिहार और दिल्ली सल्तनत शामिल हैं।
- इस दौरान भी उज्जैन शिक्षा और कला का एक प्रमुख केंद्र बना रहा।
- प्रसिद्ध संस्कृत कवि कालिदास भी इसी शहर से जुड़े थे। उनकी रचनाओं में उज्जैन की भव्यता का खूबसूरत वर्णन मिलता है।
आधुनिक उज्जैन: विरासत को संजोए हुए (Modern Ujjain: Preserving the Legacy)
- आज भी उज्जैन हिंदू धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
- यहां स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Temple), हर 12 साल में होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला और प्राचीन वेधशाला जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।
- उज्जैन शिक्षा का गढ़ भी है, जहां प्रसिद्ध विक्रम विश्वविद्यालय स्थित है।
उज्जैन का इतिहास राजाओं-महाराजाओं के शासन, कलाकारों की कृतियों और धार्मिक महत्व का एक अद्भुत संगम है। हज़ारों सालों का गौरवशाली इतिहास समेटे हुए, उज्जैन भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है।
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