द्वारका: चार धाम यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव (Dwarka: An Important Stopover on the Char Dham Yatra)
पश्चिमी भारत के गुजरात (Gujrat) राज्य में स्थित द्वारका (Dwarka), हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. यह शहर भगवान श्रीकृष्ण की पौराणिक राजधानी के रूप में जाना जाता है. द्वारका का इतिहास, धार्मिक महत्व और रोचक तथ्य, आइए सब कुछ जानते हैं:
पौराणिक कथा और इतिहास
- द्वारका का निर्माण: महाभारत (Mahabharat) के युद्ध के बाद, भगवान श्रीकृष्ण ने द्वारका शहर को बसाया था. ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा, देवताओं के शिल्पकार, ने उनकी मदद से इस भव्य नगरी का निर्माण किया था.
- द्वापर युग का शहर: द्वारका को द्वापर युग का शहर माना जाता है, जिसका उल्लेख हिंदू ग्रंथों में मिलता है.
समयरेखा (Timeline)
- लगभग 3100 ईसा पूर्व: द्वारका शहर का निर्माण माना जाता है. (यद्यपि पुरातात्विक प्रमाण अभी भी बहस का विषय हैं)
- 14वीं शताब्दी: द्वारका का वर्तमान मंदिर का निर्माण हुआ.
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धार्मिक महत्व
- द्वारकाधीश मंदिर: द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर, भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है.
- चार धाम यात्रा: द्वारका, चार धाम यात्रा के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. अन्य तीन हैं बद्रीनाथ, रामेश्वरम और पुरी.
- पवित्र स्नान: द्वारका में गोमती घाट पर स्नान करना हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है.
रोचक तथ्य
- द्वारका का मतलब: द्वारका नाम संस्कृत के “द्वार” शब्द से आया है, जिसका अर्थ है “द्वार”.
- द्वारका द्वीप: पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वारका मूल रूप से समुद्र के बीच स्थित एक द्वीप था, जो बाद में भूकंप के कारण डूब गया.
- पुनर्निर्माण के प्रयास: कई बार द्वारका के खोए हुए शहर को खोजने के लिए समुद्री अभियान चलाए गए हैं.
आज भी हजारों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए द्वारका आते हैं. यह शहर प्राचीन भारतीय वास्तुकला और समृद्ध इतिहास का एक जीवंत प्रमाण है.
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