प्रतापगढ़, राजस्थान का भूगोल (Geography of Pratapgarh, Rajasthan)
प्रतापगढ़, राजस्थान का एक प्रमुख जिला है जो अपनी अद्वितीय भूगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसकी भौगोलिक विशेषताएं इसे एक विशिष्ट स्थान बनाती हैं। आइए, प्रतापगढ़ के भूगोल (Geography of Pratapgarh) पर एक नजर डालते हैं।
1. भौगोलिक स्थिति
प्रतापगढ़ जिला राजस्थान के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह जिला 24.03°N अक्षांश और 74.78°E देशांतर पर स्थित है। प्रतापगढ़ के उत्तर में चित्तौड़गढ़, पूर्व में मंदसौर (मध्य प्रदेश), दक्षिण में बांसवाड़ा और पश्चिम में डूंगरपुर जिले की सीमाएं लगती हैं।
2. क्षेत्रफल और जनसंख्या
प्रतापगढ़ जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 4,117 वर्ग किलोमीटर है। यहां की जनसंख्या लगभग 8 लाख (2021 की जनगणना के अनुसार) है। प्रतापगढ़ में मुख्य रूप से ग्रामीण जनसंख्या निवास करती है, जो कृषि और पशुपालन पर निर्भर है।
3. भूगोलिक संरचना
प्रतापगढ़ की भूगोलिक संरचना अत्यंत विविधतापूर्ण है। यह जिला अरावली पर्वतमाला के निकट स्थित है, जिससे यहां की भूमि पहाड़ी और समतल क्षेत्रों का मिश्रण है। यहां की मिट्टी मुख्य रूप से काली और लाल मिट्टी है, जो कृषि के लिए उपयुक्त है।
4. नदियाँ और जल स्रोत
प्रतापगढ़ जिले में कई नदियाँ और जल स्रोत हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नदियाँ हैं:
- जाखम नदी: यह नदी प्रतापगढ़ की मुख्य नदी है जो जिले के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरती है।
- सोम और माही नदी: ये नदियाँ जिले के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में बहती हैं और सिंचाई का मुख्य स्रोत हैं।
5. वन्यजीव और वनस्पति
प्रतापगढ़ का वन्यजीव और वनस्पति क्षेत्र भी अत्यंत समृद्ध है। यहां के जंगलों में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, जड़ी-बूटियाँ और वन्यजीव पाए जाते हैं। प्रमुख वनस्पतियों में सागौन, बांस, खैर और नीम शामिल हैं। वन्यजीवों में तेंदुआ, हिरण, भालू और विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं।
प्रतापगढ़ का इतिहास और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
6. जलवायु
प्रतापगढ़ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। यहां गर्मी के मौसम में तापमान काफी बढ़ जाता है और सर्दियों में तापमान काफी घट जाता है। प्रतापगढ़ में मानसून के दौरान अच्छी बारिश होती है, जिससे कृषि को बहुत लाभ होता है। सालाना औसत वर्षा लगभग 850 मिमी होती है।
7. कृषि और फसलें
प्रतापगढ़ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। यहां की प्रमुख फसलें हैं:
- रबी फसलें: गेहूं, जौ, चना और सरसों।
- खरीफ फसलें: धान, मक्का, बाजरा और सोयाबीन।
इसके अलावा, यहां फल और सब्जियों की खेती भी की जाती है, जिसमें आम, अमरूद, टमाटर और आलू प्रमुख हैं।
निष्कर्ष
प्रतापगढ़ का भूगोल इसे एक विशिष्ट पहचान देता है। यहां की भौगोलिक संरचना, जलवायु, नदियाँ और वनस्पति इसे एक महत्वपूर्ण और समृद्ध जिला बनाते हैं। प्रतापगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन यहां के निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आशा है कि यह जानकारी आपको प्रतापगढ़ के भूगोल को समझने में मदद करेगी। अगर आपके पास इस विषय पर कोई सवाल या सुझाव हैं, तो हमें जरूर बताएं!
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