बाँसवाड़ा(Banswara) राजस्थान के दक्षिण में बसा एक बहुत ही खुबसूरत शहर है, इस नगर का इतिहास(History) भी उतना ही खुबसूरत है | यह राजस्थान का बहुत ही महत्वपूर्ण जिला है और माही जल परियोजना के चलते बहुत ही प्रसिद्द भी है | बाँसवाड़ा जिले में आदिवासी बहुलता है | बाँसवाड़ा को 100 द्वीपों का शहर भी कहा जाता है |
प्रारंभिक इतिहास :
माना जाता है कि बाँसवाड़ा का इतिहास(History of Banswara) 3री शताब्दी ईसा पूर्व तक का है । उस समय, इस क्षेत्र पर मौर्य साम्राज्य का शासन था । बाद में, यह गुप्त साम्राज्य, गुर्जर-प्रतिहार वंश और चालुक्य वंश जैसे अन्य शक्तिशाली राजवंशों के अधीन रहा ।
वाघेल राजवंश का उदय :
12वीं शताब्दी में, वाघेल राजवंश सत्ता में आया और बाँसवाड़ा उनके अधीन रहा । वाघेल शासकों ने इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि का एक लंबा दौर लाया । उन्होंने कला, संस्कृति और वास्तुकला को भी प्रोत्साहित किया। इस काल के दौरान, कई मंदिरों और किलों का निर्माण किया गया, जो आज भी बाँसवाड़ा की शान बढ़ाते हैं |
माना जाता है की बाँसवाड़ा को 15वी सदी में जगमाल सिंह ने बसाया था जो की डूंगरपुर रियासत से सम्बन्ध रखते है | उन्होंने यहाँ के बंसिया भील को हराया था और बाँसवाड़ा को अपनी राजधानी बनाया |
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मुगल साम्राज्य का प्रभाव :
16वीं शताब्दी में, मुगल साम्राज्य का उदय हुआ और इसने बाँसवाड़ा पर अपना प्रभाव जमाया । मुगलों ने इस क्षेत्र पर सीधा शासन नहीं किया, लेकिन उन्होंने वाघेल राजवंश को कर चुकाने के लिए बाध्य किया। मुगल काल के दौरान, इस क्षेत्र में इस्लामी वास्तुकला का प्रभाव भी देखा जा सकता है ।
मारवाड़ का शासन :
18वीं शताब्दी में, मारवाड़ के राठौड़ राजपूतों ने बाँसवाड़ा पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया । राठौड़ शासकों ने इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उन्होंने शिक्षा और साहित्य को भी प्रोत्साहित किया ।
ब्रिटिश राज और स्वतंत्रता के बाद :
19वीं शताब्दी में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया । ब्रिटिश शासन के दौरान, बाँसवाड़ा एक रियासत के रूप में अस्तित्व में रहा। भारत की स्वतंत्रता के बाद, बाँसवाड़ा का विलय भारत में हो गया और यह राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया ।
आज का बाँसवाड़ा :
आज बाँसवाड़ा एक जिला है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासी विरासत के लिए जाना जाता है । यहाँ कई ऐतिहासिक स्थल, वन्यजीव अभयारण्य और हिल स्टेशन हैं। बाँसवाड़ा आदिवासी कला और शिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है ।
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