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Chambal River
Geography Rajasthan

चम्बल नदी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

चंबल नदी: राजस्थान की जीवन रेखा

चंबल नदी (Chambal River), मध्य प्रदेश के विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर, राजस्थान की धरती को सींचती हुई, यमुना नदी(Yamuna River) में विलीन होकर अपने सफर का अंत करती है | सदियों से, यह नदी न केवल सिंचाई और पेयजल का स्रोत रही है, बल्कि राजस्थान की संस्कृति और इतिहास का भी एक अविभाज्य अंग रही है | आइए, आज हम चंबल नदी के सफर पर चलें और उसके उद्गम, उसकी राह, प्रमुख बाँधों और महत्वपूर्ण बिंदुओं को करीब से जानें |

उद्गम और प्रवाह:

मध्य प्रदेश के मऊखेड़ी गाँव के पास विंध्याचल पर्वतमाला (Vindhyachal Mountain Range) में 535 मी की उँचाई से निकलकर, चंबल नदी लगभग 960 किमी का सफर तय करती है | मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा राज्यों से होकर बहते हुये, यह कोटा के निकट यमुना नदी में समा जाता है | अपने रास्ते में, यह कई सहायक नदियों जैसे कालीसिंध, बनास, परवन और बेतवा को अपने में समेट लेती है |

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राजस्थान में प्रवेश:

राजस्थान में प्रवेश करते ही, चंबल नदी (Chambal River) कोटा बैराज से होकर बहती है | यह बाँध न केवल सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विद्युत उत्पादन में भी योगदान देता है | कोटा के बाद, चंबल राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरती है, जो वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है | डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों से होकर बहते हुये, यह अंततः कोटा के निकट यमुना नदी से संगम कर लेती है |

चंबल नदी के प्रमुख बाँध:

  • कोटा बैराज: राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध, सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण |
  • गांधी सागर बाँध: मध्य प्रदेश में स्थित, भारत का तीसरा सबसे बड़ा बाँध |
  • राणा प्रताप सागर बाँध: चित्तौड़गढ़ में स्थित, सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण |
  • जवाहर सागर बाँध: कोटा के निकट स्थित, सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण |

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • चंबल नदी घड़ियाल मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास है, जो एक लुप्तप्राय प्रजाति है | चंबल राष्ट्रीय उद्यान उनके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
  • नदी के किनारे कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जैसे कि आम्बेडकर नगर, गगनगिरी महाराज मंदिर और कोटा का महल |
  • चंबल नदी पर कई जल क्रीड़ाएँ, जैसे कि राफ्टिंग और बोटिंग का आनंद उठाया जा सकता है |

चुनौतियाँ और संरक्षण:

चंबल नदी प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और अतिक्रमण जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है | नदी के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि नदी सफाई, वनस्पति कवरेज बढ़ाना और सतत कृषि को बढ़ावा देना |

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