Local Updates

Local Updates are Here

Omkareshwar Temple
Uncategorized

ओमकारेश्वर मंदिर: ममलेश्वर और ओमकारेश्वर के दर्शन

ओमकारेश्वर मंदिर: ममलेश्वर और ओमकारेश्वर के दर्शन (Omkareshwar Temple: A Duality of Darshan – Mamaleshwar and Omkareshwar)

मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के पवित्र तट पर स्थित, ओमकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) हिंदू धर्म के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां ममलेश्वर और ओमकारेश्वर के रूप में पूजा जाता है। आइए, हम इस खास मंदिर के इतिहास, धार्मिक महत्व और रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।

द्वीपों पर बसे मंदिर (Temples on Islands)

ओमकारेश्वर मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यह दो अलग-अलग द्वीपों पर स्थित है। मंदिर का एक भाग मंदिरेश्वर द्वीप पर स्थित है, जिसे “ममलेश्वर” के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरा भाग ओमकारेश्वर द्वीप पर स्थित है, जिसे “ओमकारेश्वर” के नाम से जाना जाता है। इन दोनों द्वीपों का मिलन मिलकर ओम का आकार बनाता है, जो “ॐ” इस पवित्र ध्वनि का प्रतीक है।

पौराणिक कथा (Mythological Story)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, दक्षिणावर्ती शंख के आकार का मंदिरेश्वर द्वीप भगवान शिव के लिंग रूप का प्रतीक है, जिन्हें यहां ममलेश्वर के नाम से जाना जाता है। वहीं ओमकारेश्वर द्वीप यज्ञशाला का प्रतीक है और यहां स्थित मंदिर को ओमकारेश्वर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने दक्ष यज्ञ को विध्वंस करने के लिए अपने क्रोधाग्नि को धारण किया था। बाद में शांत होने के लिए वो यहां आए थे।

श्रीशैलम मंदिर: पहाड़ों के आंचल में भगवान शिव का आशीर्वाद (Srisailam Temple: Blessings of Lord Shiva Nestled in the Mountains)

धार्मिक महत्व (Religious Significance)

ओमकारेश्वर मंदिर में दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि दोनों मंदिरों में दर्शन करने से जीवन में सुख-शांति आती है और कष्ट दूर होते हैं। शिवरात्रि और सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यहां भक्तों का भव्य जमावड़ा होता है।

रोचक तथ्य (Fun Facts)

  • ओमकारेश्वर को “पश्चिम का काशी” भी कहा जाता है।
  • मंदिर के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जिसे स्वयंभू माना जाता है।
  • माना जाता है कि यहां 12 ज्योतिर्लिंगों का एक सूक्ष्म स्वरूप विद्यमान है।
  • दोनों मंदिरों के बीच नर्मदा नदी में नৌका विहार करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।

ओमकारेश्वर मंदिर प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का संगम है। यहां आकर आप धर्मिक दर्शन के साथ-साथ नर्मदा नदी के किनारे शांति का अनुभव कर सकते हैं।

1 COMMENTS

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *