370 से अधिक पक्षी! केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के बारे में रोचक तथ्य
370 से अधिक पक्षी! केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के बारे में रोचक तथ्य (370+ Birds! Interesting Facts About Keoladeo National Park)
पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
क्या आप पक्षियों को देखना पसंद करते हैं? क्या आप विभिन्न रंगों के पंखों और उनकी मधुर चहचहाहट का आनंद लेते हैं? अगर हाँ, तो राजस्थान के भरतपुर में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) आपके लिए एकदम सही जगह है! यह अद्भुत पार्क न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
पक्षियों का अद्भुत संग्रह
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था. यह नाम ही बताता है कि यह स्थान कितना खास है! यहाँ 370 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं. इनमें से कुछ तो भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में दुर्लभ हैं! सर्दियों के मौसम में साइबेरिया से दूर देशों से भी हजारों की संख्या में सारस पक्षी यहाँ आते है.
केवल पक्षी ही नहीं!
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि यहाँ विभिन्न प्रकार के स्तनधारी और सरीसृप भी पाए जाते हैं. आप जंगली बिल्लियाँ, हिरण, सांप और कछुए भी देख सकते हैं.
मजेदार तथ्य
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 250 साल पहले बनाया गया था!
- इस पार्क का नाम यहाँ स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर, केवलादेव मंदिर के नाम पर रखा गया था.
- ब्रिटिश वायसराय के सम्मान में कभी यहाँ हर साल पक्षियों के शिकार का आयोजन होता था. अच्छी बात है कि अब ऐसा नहीं होता!
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सही समय
अगर आप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान घूमने की सोच रहे हैं तो अगस्त से मार्च का समय सबसे अच्छा है. इस दौरान मौसम सुहाना होता है और पक्षी भी आसानी से देखने को मिल जाते हैं.
तो देर किस बात की? आइए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की खूबसूरती को देखने और वहां के पक्षियों की मधुर चहचहाहट का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाएं!
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