भरतपुर का इतिहास (History of Bharatpur): शौर्य और स्थापत्य का अनूठा संगम
भरतपुर(Bharatpur), राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार, अपने समृद्ध इतिहास(History) और वीरतापूर्ण गाथाओं के लिए विख्यात है। 1733 ईस्वी में महाराजा सूरजमल द्वारा स्थापित, यह शहर कभी एक अभेद्य किलेबंद शहर हुआ करता था, जिसे पहले मेवात के नाम से जाना जाता था। भरतपुर, डीग और धौलपुर की तिकड़ी ने राजस्थान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए, भरतपुर के गौरवशाली इतिहास की झलकियों पर नजर डालें:
प्रारंभिक इतिहास:
भरतपुर के आसपास के क्षेत्रों में पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, जो इस स्थान का संबंध गुप्त साम्राज्य से जोड़ते हैं। वर्तमान में खड़ा लोहागढ़ किला 11वीं शताब्दी में विजयपाल द्वारा निर्मित किया गया था।
जाट शासन का उदय:
18वीं शताब्दी के प्रारंभ में, जाट शासकों ने भरतपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय लिखा। चूड़ामणि जाट ने 1700 ईस्वी के आसपास एक मजबूत किले के रूप में भरतपुर की नींव रखी। उनके पुत्र, महाराजा सूरजमल, जिन्हें भरतपुर के सबसे महान शासक के रूप में जाना जाता है, उन्होंने राज्य का विस्तार किया और लोहागढ़ किले (Lohagarh Fort) का निर्माण करवाया। लोहागढ़ किला अपनी अभेद्यता के लिए प्रसिद्ध है और इसे अंग्रेजों के विरुद्ध कई सफल युद्धों में विजय दिलाई।
मुगलों और अंग्रेजों से संघर्ष:
भरतपुर के जाट शासकों ने मुगलों और अंग्रेजों दोनों से अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष किया। 1803 ईस्वी में, अंग्रेजों ने लोहागढ़ किले को घेर लिया। किले की मिट्टी की दीवारों को तोड़ने में असफल रहने के बाद, अंग्रेजों ने बारूद का सहारा लिया, जिससे किले को काफी क्षति पहुँची। हालांकि, भरतपुर के वीर जवानों ने हार नहीं मानी और अंततः अंग्रेजों को पीछे हटना पड़ा।
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स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी भरतपुर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। भरतपुर के राजाओं ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का समर्थन किया और अपने संसाधनों को स्वतंत्रता संग्रामियों की सहायता के लिए समर्पित किया।
भव्य स्थापत्य:
भरतपुर अपने भव्य स्थापत्य के लिए भी जाना जाता है। लोहागढ़ किले के अलावा, भरतपुर में कई शानदार महल, मंदिर और छतरियां हैं। गंगा महारानी मंदिर, महल खास, किशोरी महल, और कोठी खास यहाँ के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
भरतपुर का इतिहास शौर्य, वीरता, और स्थापत्य कला का एक अनूठा संगम है। यह शहर अपने गौरवशाली अतीत को संजोए हुए, वर्तमान में भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।