बीकानेर का गौरवशाली इतिहास (The Glorious History of Bikaner)
राजस्थान के थार मरुस्थल के बीच बसा हुआ रमणीय शहर बीकानेर, अपने समृद्ध इतिहास और वीरतापूर्ण गाथाओं के लिए जाना जाता है। आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में बीकानेर के इतिहास की एक झलक प्राप्त करेंगे।
बीकानेर की स्थापना (Establishment of Bikaner)
बीकानेर की स्थापना 1488 ईस्वी में राव बीकाजी, जो कि जोधपुर के महाराजा राव जोधा के छठे पुत्र थे, द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि किसी बात पर अपने पिता से असहमति होने के कारण राव बीकाजी ने जोधपुर छोड़ दिया और थार मरुस्थल में भटकते हुए “जांगलदेश” नामक स्थान पर पहुंचे। उन्होंने इसी स्थान पर 1488 ईस्वी में बीकानेर की नींव रखी।
राठौड़ वंश का शासन (Reign of the Rathore Dynasty)
बीकानेर पर राठौड़ वंश का लगभग 485 वर्षों तक शासन रहा। इन शासकों ने बीकानेर को एक शक्तिशाली राज्य के रूप में स्थापित किया। राव लूणकरण, राव जैतसी, राव कल्याण सिंह जैसे शासकों ने राज्य का विस्तार किया और युद्धों में वीरता का प्रदर्शन किया।
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महाराजा गंगा सिंह का शासनकाल (Reign of Maharaja Ganga Singh)
बीकानेर के इतिहास में महाराजा गंगा सिंह का शासनकाल (1887-1943 ईस्वी) एक स्वर्णिम युग माना जाता है। उन्होंने बीकानेर का आधुनिकीकरण किया, शिक्षा और कला को बढ़ावा दिया और ब्रिटिश सरकार के साथ कुशलतापूर्वक संबंध बनाए रखे।
बीकानेर का वैभवशाली इतिहास (Glorious History of Bikaner)
बीकानेर का इतिहास युद्धों, वीरता, कूटनीति और कलात्मक उत्कृष्टता से भरा हुआ है। बीकानेर के शासकों ने मुगलों और अन्य शक्तियों के साथ संघर्ष करते हुए भी अपने राज्य की रक्षा की। साथ ही, उन्होंने कला और स्थापत्य कला को भी संरक्षण दिया।
आज भी बीकानेर में जूनागढ़ का किला, लालगढ़ पैलेस, करणी माता का मंदिर और बीकानेरी रसोई जैसे ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहरें, बीकानेर के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करते हैं।
तो अगली बार जब आप बीकानेर की यात्रा करें, तो न केवल इसके भव्य महलों और मंदिरों को देखें, बल्कि इसके पीछे छिपे हुए समृद्ध इतिहास को भी जानने का प्रयास करें।