नीली झीलों, अरावली पहाड़ियों की हरी-भरी ढलानों और शानदार इतिहास(History) से घिरा, उदयपुर(Udaipur) राजस्थान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलो में से एक है। “झीलों के शहर(Lake City)” के नाम से प्रसिद्ध, उदयपुर की स्थापना 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय(Uday Singh II) ने की थी। तब से, इस शहर ने सदियों से उतार-चढ़ाव देखे हैं, जिसने इसकी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति को आकार दिया है |
प्रारंभिक इतिहास और मेवाड़ साम्राज्य का उदय
उदयपुर का इतिहास(History of Udaipur) मेवाड़ साम्राज्य के इतिहास से गहरा जुड़ा हुआ है । प्राचीन काल में, इस क्षेत्र पर मौर्य, गुप्त और हड़प्पा सभ्यताओं का शासन था। 7वीं शताब्दी में, गुहिल वंश के शासन में मेवाड़ साम्राज्य की स्थापना हुई । चित्तौड़गढ़ को अपनी राजधानी बनाते हुए, गुहिल शासकों ने सदियों तक राज किया ।
16वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान, चित्तौड़गढ़ पर कई हमले हुए | इन हमलों से बचने के लिए और अपने राज्य की सुरक्षा के लिए महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने पिछोला झील के किनारे एक शहर बसाया जिसका नामकरण उदयपुर किया गया | उदयपुर की स्थापना सन 1568 में की गयी थी |
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शहर का विकास और शासकों का योगदान
महाराणा उदय सिंह द्वितीय के बाद, कई महान शासकों ने उदयपुर पर शासन किया और शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया | महाराणा प्रताप(Maharana Pratap), जिन्होंने मुगलों के खिलाफ हल्दीघाटी के युद्ध में लड़े, उनके शौर्य और बलिदान के लिए जाने जाते हैं | महाराणा जगत सिंह प्रथम, जिन्होंने कला और संस्कृति का संरक्षण किया, ने शहर में कई महल और मंदिर बनवाए। महाराणा अमर सिंह द्वितीय के शासनकाल में, उदयपुर शांति और समृद्धि के दौर में पहुंचा। उन्होंने शहर में कई बगीचे और सार्वजनिक भवन बनवाए।
झीलों का शहर
उदयपुर को “झीलों के शहर (City of Lakes)” के नाम से जाना जाता है, और इसका कारण है कई खूबसूरत झीलें जो शहर को चारों ओर से घेरे हुए हैं। इन झीलों में सबसे प्रमुख हैं पिछोला झील, फतेह सागर झील, स्वरूप सागर झील, और धान मीठी झील। ये झीलें न केवल शहर की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाती हैं, बल्कि सिंचाई और पेयजल के स्रोत के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं।
कला, संस्कृति और वास्तुकला का केंद्र
उदयपुर सदियों से कला, संस्कृति और वास्तुकला का केंद्र रहा है। राजपूत शासकों के संरक्षण में, शहर में कई शानदार महल, मंदिर और स्मारक बने। सिटी पैलेस, जगदीश मंदिर, जग मंदिर पैलेस, और लेक पैलेस कुछ उल्लेखनीय उदाहरण हैं।